जी हाँ, यह कोई लतीफा नहीं है बल्कि जमीनी हकीकत है! अभी कुछ समय पहले यमकेश्वर के जोग्याना गाँव के पास बैरागढ़ में हेंवल नदी में सरकार ने खनन का टेंडर किया था!
जैसा की हम सब जानते हैं प्रदेश की अर्थव्यवस्था में खनन का बहुत बड़ा योगदान होता है, इसके विपरीत जोग्याना से लेकर गरुड़ चट्टी तक रोड के हालात देख कर कुछ और ही लगता हैं!
खनन के ट्रकों की वजह से तहस नहस हुई सड़क की तस्वीरें देख कर आप खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं,
घट्टूघाट के समीप पिछले महीने ट्रकों की वजह से पूरी रोड ही धंस गयी थी,
दीपक बिष्ट जी द्वारा फेसबुक पर डाली गयी एक पोस्ट आजकल खासी लोकप्रिय हो रही है, जिसमे उन्होंने अपनी चिंता सबके सामने प्रकट की है, उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया है की वो एक जुट होकर अपनी आवाज उठाए वरना सड़क तो पहले की बर्बाद हो चुकी है, अब अगर कहीं एक भी पुल टूटा तो सभी छेत्र वासिओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है!
खनन का टेंडर कितने में हुआ और रोड को वापिस बनाने के लिए कितना पैसा लगेगा, यह भी सोचने का विषय है!
जोग्याना से लेकर गरुड़ चट्टी तक रोड के हालात देख कर लगता है, प्रदेश की अर्थव्यवस्था में खनन का नहीं बल्कि खनन मे प्रदेश की अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा योगदान होता है!